भारत का चुनाव आयोग अब स्वतंत्र और स्वायत्त नहीं रहा है। 17 अगस्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने ऐसा व्यवहार किया, मानो वे किसी संवैधानिक संस्था के प्रमुख नहीं, बल्कि एक राजनीतिक पदाधिकारी हों। एक ओर जहां चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगा हुआ है, वहीं मतदाता सूचियों का विशेष गहन संशोधन (SIR) मौजूदा शासन के पक्ष में चुनावी नतीजों को प्रभावित करने के मक़सद से किया जा रहा है। ये विचार पूर्व केंद्रीय वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने परंजय गुहा ठाकुरता को दिए एक विशेष साक्षात्कार में व्यक्त किए हैं। If you like our work, and want us to continue bringing new content, consider supporting us financially. You can donate through UPI: paranjoy@unitedbankofindia or www.buymeacoffee.com/paranjoyonline You can also join this channel to become a monthly contributor and help keep this channel grow.