भारत के निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) के बाद जिस तरह से बिहार की मतदाता सूची (voter rolls) से नाम हटाए गए हैं, उससे राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के पक्ष में पलड़ा झुकना तय है। यह विचार राजनीतिक शोधकर्ता एहतेशाम हक़ ने वरिष्ठ पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता के साथ एक विशेष साक्षात्कार में व्यक्त किया, जिनकी फर्म "सिटिजनरी" ने नवंबर 2025 में राज्य विधान सभा (state legislative assembly) के चुनावों से पहले बिहार के विभिन्न हिस्सों में कई जिलों का सर्वेक्षण किया है। Support me by joining this channel from here: https://www.youtube.com/channel/UCzVRRjKpVqfq8YTJo9NGTMQ/join